Sabse Bada Rog Kya Kahenge Log | What will people say is the biggest disease | सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगे लोग
Sabse Bada Rog Kya Kahenge Log | What will people say is the biggest disease | सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगे लोग |
दोनों सोचने लगे
इस समय हमारे
दरवाजे पर कौन हो सकता
है??" " तभी मीरा जाकर टूटे
हुए दरवाजे की
बगल से
देखी । एक
महिला तूफान
और बर्फीली ठंडी
से काँपते
हुए दरवाजा खुलने
का इंतजार कर
रही थी। देख के उसको
और उसके शरीर पर लगी
धूल और बर्फीली
तूफान से लगी बर्फ
को पता लग
गया मीरा को ये महिला
बहुत मुसीबतो का
सामना कर के यहाँ तक
आयी है ।
मीरा के
बाद सोमनाथ भी
टूटे दरवाजे के
बगल से उस महिला को
देखा जैसे ही उसने युवती
को देखा, तब
तुरंत टूटे हुए
दरवाजे को जरा सा
खोल कर
महिला का हाथ से
पकड़ कर घर में
बुला लिया।
ज्यादा देर तक
वो तूफान और
बर्फीली ठंड का सामना की
थी उस वजह से
उसका शरीर अब
नीला होने लगा
था । वह बोलने की
कोसिस कर रही थी लेकिन
उससे बोला नही
जा रहा था
।
मीरा उस
को अपने पास
बुला के अपने बिस्तर
पे उसको सुला
कर वही रखे रजाई अच्छे
से उसके उपर
डाल दिया । कुछ देर
बाद जब तूफान
कम हुआ तब मीरा ने
आग जलायी और
उस महिला को बेटी
कह के आग से हाथ
और शरीर गर्म करने
के लिए बुलाई
,
वो महिला आकर
आग से हाथ पैर
और पुरे शरीर
को गरम करने
लगी तभी मीरा
ने उसके लिए
गर्म चाय बना कर लायी
और गर्म चाय पीते ही
उसके पुरे शरीर
को थोड़ी गर्मी
महसूस हुआ और उसके जान
में जान आयीं
। मीरा उसको धीरे
से बेटी आप कौन है
' और इतनी
जानलेवा तूफान में
आप कहा से आ रही हो।
वो थोड़ा डरी
सी लग रही थी ,तभी सोमनाथ
ने बोला बेटी
यहाँ आप को बिल्कुल
भी डरने की जरुरत नहीं
है।
सोमनाथ के इतना
बोलते ही वो रोने लगी
। और रोते रोते वह बोली
की मेरा नाम रागिनी
है । मेरी शादी को
५ साल हो गए लेकिन
अभी तक न मुझे कोई
लड़का हुआ न ही
कोई लड़की हुयी
। जिस वजह से मेरे
पति मुझे तरह
तरह की गालियां
और ताने देते
है । में परेशान होकर
अपने पति का घर छोड़कर
घर से निकल गयी ।
इतना बता के फिर रोने
लगी ।
यहाँ मीरा के
भी कोई बच्चे
नहीं थे। मीरा
ने रागिनी
से बोला की , "बेटी मेरी
भी कोई बेटा या
बेटी नहीं है अगर होते
तो अभी तुम्हारे
जितने होते।
तुम इस घर
को आज से अपना घर
ही समझो , ये
सुन कर रागिनी
के आखो से आँसू आने
लगा । फिर
उसने सोमनाथ और
मीरा से बोला की में
कैसे आप का धन्यवाद करू ।
रागिनी अब मीरा
के साथ साथ घर के
काम में और खेत के
काम में भी मदद करने
लगी।
अब सोमनाथ मीरा
और रागिनी तीनो
ख़ुशी से एक साथ रहने
लगे
एक महीने बाद
मीरा को पता लगा की
जब वह अपने पति के
घर से जब निकली तब
वह माँ बनने
वाली थी।
अब रागिनी इस
बात से खुश थी की
वो माँ बनने
वाली है । अब रागिनी
अपने पति के घर वापिस
जाना नहीं चाहती
क्यों की उसका पति उसके
साथ बहुत गलत
किया।
मीरा सोमनाथ दोनों
रागिनी का ध्यान
रखने लगे। धीरे
धीरे रागिनी के
माँ बनने का समय आ
गया ।
रागिनी ने एक
बहुत ही प्यारी
सी बच्ची को
जन्म दिया । रागिनी को
बेटी होने के कुछ दिन
बाद ही अचानक
से बहुत ज्यादा
तबियत ख़राब हो गयी ।
मीरा और सोमनाथ
दोनों मिल के रागिनी
की खूब सेवा
किये फिर भी उसके
तबियत में कोई
सुधार नहीं हुआ
। अब
रागिनी को लगने लगा की
अब वो और नहीं सहन
कर सकती अपनी
बीमारी को । उसको अहसास हो
गया की वो अब इस
दुनिया से जाने वाली है
। वो मीरा के तरफ
देख कर बोली माँ में
आप को अपनी छोटी सी
गुड़िया को आप के गोद में
रख के जा रही हु।
और बोली में
मेने आप दोनों
को अपने माता
पिता के जैसे माना है
। मुझे पता
आप दोनों मेरे
जाने के बाद मेरी इस
प्यारी गुड़िया की
देखभाल बहुत अचे
से करेगे और
उनसे एक वडा लिया की
की आप दोनों
मेरे पति को कभी ये
खबर होने देना
की ये उसकी बेटी है
इतना बोल कर रागिनी इस
दुनिया से हमेशा
के लिए चली गयी।
अब रागिनी का
इस दुनिया और
अपनी बेटी और माँ और
पिता से संबंध
टूट चूका था । मीरा
गोद में लेती
रागिनी की प्यारी
सी बच्ची जो
इस बात से अनजान थी
की उसकी माँ
अब उसको छोड़
के इस दुनिया
से जा चुकी थी।
मीरा ने उस
प्यारी सी बच्ची
का नाम भी उसी के
जैसा प्यारा सा
रख दिया , मीरा
ने उसका नाम
खुशी रख
दिया।
समय के साथ
साथ ख़ुशी बड़ी
होती गयी । कुछ साल
बाद जब ख़ुशी समझदार हो
गयी तब से वो भी
अपनी माँ रागिनी
के जैसे मीरा
के काम में हाथ बटाने
लगी।
कभी कभी ख़ुशी
अपने बाबा के साथ खेत
में जाया करती
थी । एक बार ख़ुशी
ने अपनी दादी
से बोली
में खेत पर बाबा के
साथ जा
रही हु। तब उसकी
दादी ने बोला बेटी शाम
होने को आ रही है
तुम को जाने में समय
लग जायेगा तब तक
और शाम हो जाएगी ऐसे
में तुम्हारा खेत
पे जाना ठीक
नहीं रहेगा।
इस बात पे
अपनी दादी को समझते हुए
ख़ुशी ने बोला की
दादी आप चिंता
न करे मै अब
बच्ची नहीं हूँ।
तब उसके बाबा
ने उसकी दादी
को समझाते हुए
बोले की बेटी का मन
है तो जाने दो मेरे
साथ और में भी हु
न इसके साथ
कोई डरने की बात नहीं
है और इसको मना कर
के हम इसको और कमजोर
नहीं बनाना चाहते।
फिर मीरा
ने बोला ख़ुशी
बेटी तुम ठीक बोल रही
हो तुम्हारे बाबा
अब बूढ़े हो चले है।
और हम दोनों
को भी एक सहारे की
जरुरत है।
जब ख़ुशी और
उअके बाबा खेत
को जाने लगे
तब मीरा ने ख़ुशी से
बोला की बेटी रात होने
से पहले घर आ
जाना मुझे तुम्हारे
आने का इंतजार
रहेगा अब जाओ तुम। दोनों अपनी दादी की बात सुन
कर बहुत खुश
हो कर वो अपने बाबा
के साथ खेत जाने लगी।
ख़ुशी वहा जाकर
खेत की देख रेख करने
लगी वो वही पास में
एक पेड़ के नीचे आराम
से बैठ कर खेत में
काम करने वाली
महिलाओ को देखने
लगी और मस्ती
करने के लिए पास में
पड़े लकड़ी से घर बनाने
लगी तभी खेत में काम
करने वाली किसी
महिला ने उसको आवाज दी
की ख़ुशी बेटी
थोड़ा मेरे पास
आना थोड़ी मेरी
मदद करने के लिए । इस
बात पे ख़ुशी बहुत तेजी
से खेत की भागी
और जाकर उनकी
मदद में लग गयी ख़ुशी
को मदद करना
बहुत अच्छा लगता
था।
जब खेत का
काम खत्म हो चला तब
काम करने वाली
जो महिलाये थी
,वो ख़ुशी से बोली बेटी
अब काम ख़त्म
हो गया है अब आप
भी हमारे साथ
घर चलो।
ख़ुशी बोली आप
सभी घर चलिए में थोड़े
देर तक आती हूँ।
उसके बाद ख़ुशी
उसी पेड़ के पास जाके
बैठ गयी जहा वो लकड़ियों
से घर बना कर कर
खेल रही थी।
ख़ुशी फिर से
लकड़ियों से घर बना कर
खेलने लगी। धीरे
धीरे अँधेरा होने
लगा लेकिन ख़ुशी
अभी भी खेत की देख
रेख और अपने घर को बनाने मे मसगुल थी।
तभी उसने देखा
की कोई आ रहा है
, तो ख़ुशी को लगा सायद
कोई राहगीर होगा
,
फिर उसके दिमाग
में आया की सायद कोई
चोर या डाकू हो सकता है। फिर
ख़ुशी पेड़ के पास छुप
कर उसको देखने
लगी फिर वो एक झाड़ी
के पास रुका
और शायद
वो अपने कीमती
सामान को अपने जेब
से निकाल कर पेंट के
अंदर वाले जेब
में छुपा रहा
था सायद उसको
मालूम था की इस रस्ते
में चोर मिल सकते है।
उसके बाद वो
जाने लगा , फिर
ख़ुशी भी घर आने के
लिए चलने लगी
तभी किसी के चीख़ने की
रोने की आवाज आयी।
ख़ुशी घबरा गयी
कुछ देर के लिए
की कही किसी
ने उसको चाकू
तो नहीं मार
दिया , फिर ख़ुशी
को उसके दर्द
भरी आवाज में
मदद के लिए पुकार सुनाई
दी। फिर
ख़ुशी भागी भागी
उसके पास गयी तो उसने
देखा की वही राहगीर है
जिस को उसने थोड़े देर
पहले देखा था।
चोरो ने उस
राहगीर को बहुत मारा था
और उसके कपडे
फाड़ दिए थे और उसके
रूपये छीन लिए थे।
ख़ुशी बहुत घबरा
गयी लेकिन हिम्मत
नहीं हारी। वो दौड़ी दौड़ी
घर गयी और अपने दादी
और बाबा को पूरी बात
बता कर उस राहगीर के
मदद के लिए उनको साथ
लेके वहा गयी जहा राहगीर
घायल पड़ा था।
उस घायल राहगीर
के मुँह से धीमे स्वर
में बस
एक ही आवाज आ रही
थी -: "रागिनी
"
मीरा और सोमनाथ
को थोड़ा अजीब
लगा की ये बार बार
रागिनी का नाम क्यों ले
रहा है कही ये रागनी
का पति तो नहीं।
इन सब बातो
को छोड़ उस राहगीर को
अपने घर ले आये और
उसकी जख्म पे मरहम पट्टी
किये और उसको खाना दिए।
फिर उसको हल्दी
वाली दूध पिलाये
ताकि जख्म जल्दी
से ठीक हो और दर्द
कम महसूस हो।
जब सुबह वो
राहगीर जगा तो देखा की
जिस के घर में है
वो लोग काफी
गरीब है।
फिर भी उसकी
सेवा में कोई कमी नहीं की थी।
तभी उस राहगीर
की नज़र ख़ुशी
पे गयी उसे देखते ही
उसको अपनी बीवी
रागनी की याद आयी।
तभी सोमनाथ और
मीरा उसके पास
आये उसका हाल
पूछने लगे।
सोमनाथ ने पूछा
की बेटा आप कौन हो
और कहाँ से आ रहे
थे।
तो उस राहगीर
ने अपना नाम
मुकुल बताया और
बोला की में कपड़ो का
व्यापारी हूँ।
मेरा बहुत बडा़ कारखाना है जहाँ कपड़ो की
बुनाई सिलाई की
जाती है।
तभी मीरा से
रहा नहीं गया
और उसने मुकुल
से पूछ ही लिया की
बेटा रात
में आप किसी रागनी का
नाम ले रहे थे "कौन है ये रागिनी
"
तो मुकुल थोड़ा
उदास होकर बोला की
रागिनी मेरी बीवी
थी।
हमारा कोई बच्चा
नही हुआ जिस के कारण
हमारे सभी रिश्तेदार
और आस पास के लोग
उसको ताने देते
थे मुझे भी देते थे।
तो कभी कभी मै भी रागिनी
को भला बुरा
बोल देता था।
लेकिन एक दिन मैने उसके ऊपर
हाथ उठा दिया
जिस वजह से वो घर
हमेशा के लिए छोड़ कर
चली गयी और आज मै बिलकुल अकेला हो
गया हूँ।
जिस बात का
मुझे बहुत दुख
आज भी होता है।
फिर सोमनाथ और
मीरा को पता चल गया
की मुकुल ही
रागिनी का पति और ख़ुशी
का पिता है
,लेकिन रागिनी से
किये वादे के वजह
से वो न ख़ुशी को
बता सकते थे न ही
मुकुल को।
तभी मुकुल ने
उन दोनों से
बोला की आप
लोग बुरा न माने तो
एक बात बोलू
में तो
सोमनाथ ने बोला की हा जरूर
बोलिये,
तो मुकुल बोला
की मेरी कोई
बेटा या बेटी नहीं है
और अब आप लोग बूढ़े
हो चले है . इस
बच्ची का पालन पोसन करने
में अब आप लोगो को
परेशानी होगी और अगर आप
लोग चले गए तो ये
किस के सहारे
रहेगी। आप लोग चाहे तो
इस को मेरे साथ जाने
दे मै इसके
बदले में आप दोनो को
काफी सारा धन
( रुपया ) दूँगा
और इसको मै अच्छी परवरिश दूँगा
और इसके आगे
पीछे नौकर रहेंगे
इस को किसी बात की
कमी नहीं होने
दूँगा आप से वादा करता
हूँ आप लोग जाने दे
इसको मेरे साथ।
सोमनाथ और मीरा
काफी सोच में पड़ गए
कुछ देर तक बिचार करने
के बाद मुकुल से
बोले की हम गरीब जरूर
है लेकिन अपनी
पोती की परवरिश
में कोई कमी नहीं करते ।इसके माँ के जाने के
बाद प्यार
से रखा है अपने साथ
लेकिन हम शायद इसको वो
खुशिया ना दे पाए जो
हर बच्चे चाहते
है लेकिन फिर
भी हम एक बार उसकी
राय जान ले की क्या
वो जाना चाहेगी।
फिर दोनों
ख़ुशी के पास
गए और उसको बोले बेटी
अब हम दोनों
का आखिरी समय
चल रहा है पता नहीं
कब हम भगवान
को प्यारे हो
जाये फिर तुम्हारी
देख रेख कौन करेगा
और ये जिन की मदद
कर के तुम ने जान
बचाया है ये तुम को
अपनी बेटी बना
कर अपने
साथ ले जाना चाहते है।
तुम इन के
साथ चली जाओ।
इस बात पर
ख़ुशी ने बोला की जब
में छोटी थी तो हर
एक मदद आप दोनों ने
की मेरी अच्छे
से परवरिश किया
और जब आप दोनों को
मेरी जरुरत है
तो में पैसो
के लालच में
आकर आप दोनों
को छोड़ कर किसी और
के साथ चली जाऊ। मै कभी भी आप दोनों से
अलग नहीं जाऊगी
ये मेरा आखरी
फैसला है।
फिर सोमनाथ और
मीरा के आँखो में आँसू
आ गये अपने
प्रति उसका ये प्यार देख
कर।
मुकुल निराश हो
कर उन सब को अपनी
जान बचाने के
लिए धन्यवाद किया
और वहा से चला गया।
शिक्षा
= अगर
दुनिया की ताने सुन कर
भी मुकुल रागिनी
को भला बुरा नहीं
बोलता और नहीं मरता तो
आज शायद रागिनी
भी उसके साथ
होती और वो प्यारी सी
बच्ची भी उसके पूरे जायदाद की
वारिश होती।
दोस्तों इसी लिए
कहा गया है हमारे जीवन
में क्या चल रहा है
ये हम से बेहतर कोई
और नहीं जान
सकता इस लिए हमे अपने
फैसले खुद से सोच कर
करने चाहिए। सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगे लोग। दुनिया
के बातो में
आकर अपनी खुशिया
बर्बाद न करे।
. . धन्यवाद।
कहानी अच्छी लगी हो तो शेयर ज़रुर करें।
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Sabse Bada Rog Kya Kahenge Log
Himaachal Pradesh Mein Ek Gaanv Tha Jise Bilaasapur Kaha Jaata Tha. Vahaan Ek Bujurg Kisaan Somanaath Aur Unaki Patni Mira Rahate The. Donon Toote Phoote Jhopadi Mein Din Khushi Se Bita Rahe The . Ek Samay Toophaan Aur Kadakadaati Barphili Thand Ke Kaaran Gaanv Ke Sabhi Log Apane Gharon Mein Chhup Gae. Tabhi Kisi Ne Mira Ke Us Toote Jhopadi Ke Daravaaje Ko Jor Se Khatakhataaya .
Donon Sochane Lage Is Samay Hamaare Daravaaje Par Kaun Ho Sakata Hai??" " Tabhi Mira Jaakar Toote Hue Daravaaje Ki Bagal Se Dekhi . Ek Mahila Toophaan Aur Barphili Thandi Se Kaanpate Hue Daravaaja Khulane Ka Intajaar Kar Rahi Thi. Dekh Ke Usako Aur Usake Sharir Par Lagi Dhool Aur Barphili Toophaan Se Lagi Barph Ko Pata Lag Gaya Mira Ko Ye Mahila Bahut Musibato Ka Saamana Kar Ke Yahaan Tak Aayi Hai .
Mira Ke Baad Somanaath Bhi Toote Daravaaje Ke Bagal Se Us Mahila Ko Dekha Jaise Hi Usane Yuvati Ko Dekha, Tab Turant Toote Hue Daravaaje Ko Jara Sa Khol Kar Mahila Ka Haath Se Pakad Kar Ghar Mein Bula Liya.
Jyaada Der Tak Vo Toophaan Aur Barphili Thand Ka Saamana Ki Thi Us Vajah Se Usaka Sharir Ab Nila Hone Laga Tha . Vah Bolane Ki Kosis Kar Rahi Thi Lekin Usase Bola Nahi Ja Raha Tha .
Mira Us Ko Apane Paas Bula Ke Apane Bistar Pe Usako Sula Kar Vahi Rakhe Rajai Achchhe Se Usake Upar Daal Diya . Kuchh Der Baad Jab Toophaan Kam Hua Tab Mira Ne Aag Jalaayi Aur Us Mahila Ko Beti Kah Ke Aag Se Haath Aur Sharir Garm Karane Ke Lie Bulai ,
Vo Mahila Aakar Aag Se Haath Pair Aur Pure Sharir Ko Garam Karane Lagi Tabhi Mira Ne Usake Lie Garm Chaay Bana Kar Laayi Aur Garm Chaay Pite Hi Usake Pure Sharir Ko Thodi Garmi Mahasoos Hua Aur Usake Jaan Mein Jaan Aayin . Mira Usako Dhire Se Beti Aap Kaun Hai Aur Itani Jaanaleva Toophaan Mein Aap Kaha Se Aa Rahi Ho.
Vo Thoda Dari Si Lag Rahi Thi ,Tabhi Somanaath Ne Bola Beti Yahaan Aap Ko Bilkul Bhi Darane Ki Jarurat Nahin Hai.
Somanaath Ke Itana Bolate Hi Vo Rone Lagi . Aur Rote Rote Vah Boli Ki Mera Naam Raagini Hai . Meri Shaadi Ko 5 Saal Ho Gae Lekin Abhi Tak Na Mujhe Koi Ladaka Hua Na Hi Koi Ladaki Huyi . Jis Vajah Se Mere Pati Mujhe Tarah Tarah Ki Gaaliyaan Aur Taane Dete Hai . Mein Pareshaan Hokar Apane Pati Ka Ghar Chhodakar Ghar Se Nikal Gayi . Itana Bata Ke Phir Rone Lagi .
Yahaan Mira Ke Bhi Koi Bachche Nahin The. Mira Ne Raagini Se Bola Ki , "Beti Meri Bhi Koi Beta Ya Beti Nahin Hai Agar Hote To Abhi Tumhaare Jitane Hote .
Tum Is Ghar Ko Aaj Se Apana Ghar Hi Samajho , Ye Sun Kar Raagini Ke Aakho Se Aansoo Aane Laga . Phir Usane Somanaath Aur Mira Se Bola Ki Mein Kaise Aap Ka Dhanyavaad Karoo .
Raagini Ab Mira Ke Saath Saath Ghar Ke Kaam Mein Aur Khet Ke Kaam Mein Bhi Madad Karane Lagi.
Ab Somanaath Mira Aur Raagini Tino Khushi Se Ek Saath Rahane Lage
Ek Mahine Baad Mira Ko Pata Laga Ki Jab Vah Apane Pati Ke Ghar Se Jab Nikali Tab Vah Maan Banane Vaali Thi.
Ab Raagini Is Baat Se Khush Thi Ki Vo Maan Banane Vaali Hai . Ab Raagini Apane Pati Ke Ghar Vaapis Jaana Nahin Chaahati Kyon Ki Usaka Pati Usake Saath Bahut Galat Kiya.
Mira Somanaath Donon Raagini Ka Dhyaan Rakhane Lage. Dhire Dhire Raagini Ke Maan Banane Ka Samay Aa Gaya .
Raagini Ne Ek Bahut Hi Pyaari Si Bachchi Ko Janm Diya . Raagini Ko Beti Hone Ke Kuchh Din Baad Hi Achaanak Se Bahut Jyaada Tabiyat Kharaab Ho Gayi . Mira Aur Somanaath Donon Mil Ke Raagini Ki Khoob Seva Kiye Phir Bhi Usake Tabiyat Mein Koi Sudhaar Nahin Hua . Ab Raagini Ko Lagane Laga Ki Ab Vo Aur Nahin Sahan Kar Sakati Apani Bimaari Ko . Usako Ahasaas Ho Gaya Ki Vo Ab Is Duniya Se Jaane Vaali Hai . Vo Mira Ke Taraph Dekh Kar Boli Maan Mein Aap Ko Apani Chhoti Si Gudiya Ko Aap Ke God Mein Rakh Ke Ja Rahi Hu.
Aur Boli Mein Mene Aap Donon Ko Apane Maata Pita Ke Jaise Maana Hai . Mujhe Pata Aap Donon Mere Jaane Ke Baad Meri Is Pyaari Gudiya Ki Dekhabhaal Bahut Ache Se Karege Aur Unase Ek Vada Liya Ki Ki Aap Donon Mere Pati Ko Kabhi Ye Khabar Hone Dena Ki Ye Usaki Beti Hai Itana Bol Kar Raagini Is Duniya Se Hamesha Ke Lie Chali Gayi.
Ab Raagini Ka Is Duniya Aur Apani Beti Aur Maan Aur Pita Se Sambandh Toot Chooka Tha . Mira God Mein Leti Raagini Ki Pyaari Si Bachchi Jo Is Baat Se Anajaan Thi Ki Usaki Maan Ab Usako Chhod Ke Is Duniya Se Ja Chuki Thi .
Mira Ne Us Pyaari Si Bachchi Ka Naam Bhi Usi Ke Jaisa Pyaara Sa Rakh Diya , Mira Ne Usaka Naam Khushi Rakh Diya.
Samay Ke Saath Saath Khushi Badi Hoti Gayi . Kuchh Saal Baad Jab Khushi Samajhadaar Ho Gayi Tab Se Vo Bhi Apani Maan Raagini Ke Jaise Mira Ke Kaam Mein Haath Bataane Lagi.
Kabhi Kabhi Khushi Apane Baaba Ke Saath Khet Mein Jaaya Karati Thi . Ek Baar Khushi Ne Apani Daadi Se Boli Mein Khet Par Baaba Ke Saath Ja Rahi Hu. Tab Usaki Daadi Ne Bola Beti Shaam Hone Ko Aa Rahi Hai Tum Ko Jaane Mein Samay Lag Jaayega Tab Tak Aur Shaam Ho Jaegi Aise Mein Tumhaara Khet Pe Jaana Thik Nahin Rahega.
Is Baat Pe Apani Daadi Ko Samajhate Hue Khushi Ne Bola Ki Daadi Aap Chinta Na Kare Mai Ab Bachchi Nahin Hoon.
Tab Usake Baaba Ne Usaki Daadi Ko Samajhaate Hue Bole Ki Beti Ka Man Hai To Jaane Do Mere Saath Aur Mein Bhi Hu Na Isake Saath Koi Darane Ki Baat Nahin Hai Aur Isako Mana Kar Ke Ham Isako Aur Kamajor Nahin Banaana Chaahate .
Phir Mira Ne Bola Khushi Beti Tum Thik Bol Rahi Ho Tumhaare Baaba Ab Boodhe Ho Chale Hai. Aur Ham Donon Ko Bhi Ek Sahaare Ki Jarurat Hai.
Jab Khushi Aur Uake Baaba Khet Ko Jaane Lage Tab Mira Ne Khushi Se Bola Ki Beti Raat Hone Se Pahale Ghar Aa Jaana Mujhe Tumhaare Aane Ka Intajaar Rahega Ab Jao Tum. Donon Apani Daadi Ki Baat Sun Kar Bahut Khush Ho Kar Vo Apane Baaba Ke Saath Khet Jaane Lagi.
Khushi Vaha Jaakar Khet Ki Dekh Rekh Karane Lagi Vo Vahi Paas Mein Ek Ped Ke Niche Aaraam Se Baith Kar Khet Mein Kaam Karane Vaali Mahilao Ko Dekhane Lagi Aur Masti Karane Ke Lie Paas Mein Pade Lakadi Se Ghar Banaane Lagi Tabhi Khet Mein Kaam Karane Vaali Kisi Mahila Ne Usako Aavaaj Di Ki Khushi Beti Thoda Mere Paas Aana Thodi Meri Madad Karane Ke Lie . Is Baat Pe Khushi Bahut Teji Se Khet Ki Bhaagi Aur Jaakar Unaki Madad Mein Lag Gayi Khushi Ko Madad Karana Bahut Achchha Lagata Tha.
Jab Khet Ka Kaam Khatm Ho Chala Tab Kaam Karane Vaali Jo Mahilaaye Thi ,Vo Khushi Se Boli Beti Ab Kaam Khatm Ho Gaya Hai Ab Aap Bhi Hamaare Saath Ghar Chalo.
Khushi Boli Aap Sabhi Ghar Chalie Mein Thode Der Tak Aati Hoon.
Usake Baad Khushi Usi Ped Ke Paas Jaake Baith Gayi Jaha Vo Lakadiyon Se Ghar Bana Kar Kar Khel Rahi Thi.
Khushi Phir Se Lakadiyon Se Ghar Bana Kar Khelane Lagi. Dhire Dhire Andhera Hone Laga Lekin Khushi Abhi Bhi Khet Ki Dekh Rekh Aur Apane Ghar Ko Banaane Me Masagul Thi.
Tabhi Usane Dekha Ki Koi Aa Raha Hai , To Khushi Ko Laga Saayad Koi Raahagir Hoga ,
Phir Usake Dimaag Mein Aaya Ki Saayad Koi Chor Ya Daakoo Ho Sakata Hai. Phir Khushi Ped Ke Paas Chhup Kar Usako Dekhane Lagi Phir Vo Ek Jhaadi Ke Paas Ruka Aur Shaayad Vo Apane Kimati Saamaan Ko Apane Jeb Se Nikaal Kar Pent Ke Andar Vaale Jeb Mein Chhupa Raha Tha Saayad Usako Maaloom Tha Ki Is Raste Mein Chor Mil Sakate Hai.
Usake Baad Vo Jaane Laga , Phir Khushi Bhi Ghar Aane Ke Lie Chalane Lagi Tabhi Kisi Ke Chikhane Ki Rone Ki Aavaaj Aayi.
Khushi Ghabara Gayi Kuchh Der Ke Lie Ki Kahi Kisi Ne Usako Chaakoo To Nahin Maar Diya , Phir Khushi Ko Usake Dard Bhari Aavaaj Mein Madad Ke Lie Pukaar Sunai Di. Phir Khushi Bhaagi Bhaagi Usake Paas Gayi To Usane Dekha Ki Vahi Raahagir Hai Jis Ko Usane Thode Der Pahale Dekha Tha.
Choro Ne Us Raahagir Ko Bahut Maara Tha Aur Usake Kapade Phaad Die The Aur Usake Roopaye Chhin Lie The.
Khushi Bahut Ghabara Gayi Lekin Himmat Nahin Haari. Vo Daudi Daudi Ghar Gayi Aur Apane Daadi Aur Baaba Ko Poori Baat Bata Kar Us Raahagir Ke Madad Ke Lie Unako Saath Leke Vaha Gayi Jaha Raahagir Ghaayal Pada Tha.
Us Ghaayal Raahagir Ke Munh Se Dhime Svar Mein Bas Ek Hi Aavaaj Aa Rahi Thi. "Raagini "
Mira Aur Somanaath Ko Thoda Ajib Laga Ki Ye Baar Baar Raagini Ka Naam Kyon Le Raha Hai Kahi Ye Raagani Ka Pati To Nahin.
In Sab Baato Ko Chhod Us Raahagir Ko Apane Ghar Le Aaye Aur Usaki Jakhm Pe Maraham Patti Kiye Aur Usako Khaana Die.
Phir Usako Haldi Vaali Doodh Pilaaye Taaki Jakhm Jaldi Se Thik Ho Aur Dard Kam Mahasoos Ho.
Jab Subah Vo Raahagir Jaga To Dekha Ki Jis Ke Ghar Mein Hai Vo Log Kaaphi Garib Hai.
Phir Bhi Usaki Seva Mein Koi Kami Nahin Ki Thi.
Tabhi Us Raahagir Ki Nazar Khushi Pe Gayi Use Dekhate Hi Usako Apani Bivi Raagani Ki Yaad Aayi.
Tabhi Somanaath Aur Mira Usake Paas Aaye Usaka Haal Poochhane Lage.
Somanaath Ne Poochha Ki Beta Aap Kaun Ho Aur Kahaan Se Aa Rahe The.
To Us Raahagir Ne Apana Naam Mukul Bataaya Aur Bola Ki Mein Kapado Ka Vyaapaari Hoon.
Mera Bahut Bada Kaarakhaana Hai Jahaan Kapado Ki Bunai Silai Ki Jaati Hai.
Tabhi Mira Se Raha Nahin Gaya Aur Usane Mukul Se Poochh Hi Liya Ki Beta Raat Mein Aap Kisi Raagani Ka Naam Le Rahe The "Kaun Hai Ye Raagini "
To Mukul Thoda Udaas Hokar Bola Ki Raagini Meri Bivi Thi.
Hamaara Koi Bachcha Nahi Hua Jis Ke Kaaran Hamaare Sabhi Rishtedaar Aur Aas Paas Ke Log Usako Taane Dete The Mujhe Bhi Dete The.
To Kabhi Kabhi Mai Bhi Raagini Ko Bhala Bura Bol Deta Tha.
Lekin Ek Din Maine Usake Oopar Haath Utha Diya Jis Vajah Se Vo Ghar Hamesha Ke Lie Chhod Kar Chali Gayi Aur Aaj Mai Bilakul Akela Ho Gaya Hoon.
Jis Baat Ka Mujhe Bahut Dukh Aaj Bhi Hota Hai.
Phir Somanaath Aur Mira Ko Pata Chal Gaya Ki Mukul Hi Raagini Ka Pati Aur Khushi Ka Pita Hai ,Lekin Raagini Se Kiye Vaade Ke Vajah Se Vo Na Khushi Ko Bata Sakate The Na Hi Mukul Ko.
Tabhi Mukul Ne Un Dono Se Bola Ki Aap Log Bura Na Maane To Ek Baat Boloo Mein To Somanaath Ne Bola Ki Ha Jaroor Boliye,
To Mukul Bola Ki Meri Koi Beta Ya Beti Nahin Hai Aur Ab Aap Log Boodhe Ho Chale Hai . Is Bachchi Ka Paalan Posan Karane Mein Ab Aap Logo Ko Pareshaani Hogi Aur Agar Aap Log Chale Gae To Ye Kis Ke Sahaare Rahegi. Aap Log Chaahe To Is Ko Mere Saath Jaane De Mai Isake Badale Mein Aap Dono Ko Kaaphi Saara Dhan ( Rupaya ) Doonga Aur Isako Mai Achchhi Paravarish Doonga Aur Isake Aage Pichhe Naukar Rahenge Is Ko Kisi Baat Ki Kami Nahin Hone Doonga Aap Se Vaada Karata Hoon Aap Log Jaane De Isako Mere Saath.
Somanaath Aur Mira Kaaphi Soch Mein Pad Gae Kuchh Der Tak Bichaar Karane Ke Baad Mukul Se Bole Ki Ham Garib Jaroor Hai Lekin Apani Poti Ki Paravarish Mein Koi Kami Nahin Karate .Isake Maan Ke Jaane Ke Baad Pyaar Se Rakha Hai Apane Saath Lekin Ham Shaayad Isako Vo Khushiya Na De Pae Jo Har Bachche Chaahate Hai Lekin Phir Bhi Ham Ek Baar Usaki Raay Jaan Le Ki Kya Vo Jaana Chaahegi.
Phir Donon Khushi Ke Paas Gae Aur Usako Bole Beti Ab Ham Donon Ka Aakhiri Samay Chal Raha Hai Pata Nahin Kab Ham Bhagavaan Ko Pyaare Ho Jaaye Phir Tumhaari Dekh Rekh Kaun Karega Aur Ye Jin Ki Madad Kar Ke Tum Ne Jaan Bachaaya Hai Ye Tum Ko Apani Beti Bana Kar Apane Saath Le Jaana Chaahate Hai.
Tum In Ke Saath Chali Jao.
Is Baat Par Khushi Ne Bola Ki Jab Mein Chhoti Thi To Har Ek Madad Aap Donon Ne Ki Meri Achchhe Se Paravarish Kiya Aur Jab Aap Donon Ko Meri Jarurat Hai To Mein Paiso Ke Laalach Mein Aakar Aap Donon Ko Chhod Kar Kisi Aur Ke Saath Chali Jaoo. Mai Kabhi Bhi Aap Donon Se Alag Nahin Jaoogi Ye Mera Aakhari Phaisala Hai.
Phir Somanaath Aur Mira Ke Aankho Mein Aansoo Aa Gaye Apane Prati Usaka Ye Pyaar Dekh Kar.
Mukul Niraash Ho Kar Un Sab Ko Apani Jaan Bachaane Ke Lie Dhanyavaad Kiya Aur Vaha Se Chala Gaya.
Shiksha = Agar Duniya Ki Taane Sun Kar Bhi Mukul Raagini Ko Bhala Bura Nahin Bolata Aur Nahin Marata To Aaj Shaayad Raagini Bhi Usake Saath Hoti Aur Vo Pyaari Si Bachchi Bhi Usake Poore Jaayadaad Ki Vaarish Hoti.
Doston Isi Liye Kaha Gaya Hai Hamaare Jivan Mein Kya Chal Raha Hai Ye Ham Se Behatar Koi Aur Nahin Jaan Sakata Is Lie Hame Apane Faisle Khud Se Soch Kar Karne Chaahiye. Sabse Bada Rog Kya Kahenge Log. Duniya Ke Baato Mein Aakar Apani Khushiya Barbaad Na Kare.
. . Dhanyavaad.
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